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गुरुवार, 29 सितंबर 2016

बाकी है आगे और लड़ाई


चेत जाओ नापाकियों
चेत जाओ आतंकियों
क्योंकि
बहुत गुजर चुका है पानी
अब सिर के ऊपर से
नहीं बह सकता एक साथ
अब खून और पानी
आतंक की अति के अंत का
अब आ गया है समय
धैर्य संयम की नियंत्रण रेखा
अब कर चुके हैं सैनिक पार
गरजने बरसने लगी है मौत
नष्ट होने लगे हैं आतंकी अड्डे
नापाकियों की गीदड़ भभकी
आतंकियों की गतिविधियां
अब टिक नहीं पाएगी
शेर दिल सैनिकों के सामने
आतंक के अपने अभ्यारण्य में
नापाकी आतंकी शिकारी
अब स्वयं हो जायेंगे शिकार
   
चेत जाओ नापाकियों
चेत जाओ आतंकियों
क्योंकि आतंक का तानाबाना
नापाक जमीन पर
बहुत बुना जा चुका है चोरी छिपे
अब कात न सकोगे आतंक के सूत  
उलझ जाओगे अपने ही तानेबाने में
अब हर गांठ करेगी हिसाब चुकता
अपने कच्चे धागों पर न इतराओ
फांसी का फंदा बन गले पड़ जाएगा
यही तानाबाना कफ़न बन जाएगा

चेत जाओ नापाकियों
चेत जाओ आतंकियों
क्योंकि आतंक का चेहरा
तुम्हारी नापाक हरकतों से
अब हो गया है बेनकाब
कूटनीतिक रिश्तों की बर्फ
अब पिघल चुकी है
आपसी संबंध सुधारने के बजाय
समय आया है सबक सिखाने का
गला काटने वालों से गले न मिलेंगे
सैनिक गोली का जवाब गोली से देंगे
अरे नापाकियों
अरे आतंकियों
अभी तो है ये अंगड़ाई
बाकी है आगे और लड़ाई !

@ दिनेश ठक्कर बापा
(चित्र गूगल से साभार)