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शुक्रवार, 22 नवंबर 2013

मतदान के आंकड़ों से लगाये जा रहे जीत हार के कयास



बिलासपुर जिले के सात विधान सभा क्षेत्रों में हुए मतदान के अंतिम आकड़ें आने के बाद उम्मीदवारों, उनके समर्थकों और चुनाव विश्लेषकों द्वारा जीत हार के कयास लगाने शुरू हो गए हैं। अपने अपने क्षेत्र का मतदान प्रतिशत और बूथवार रूझान देख कर जीत हार का गुणा भाग लगाने की कवायद हो रही है। जिले में सर्वाधिक 83.66 फीसदी मतदान मरवाही सीट में होने पर कांग्रेस प्रत्याशी अमित जोगी रिकार्ड मतों से जीत का दावा कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ बिलासपुर विधान सभा क्षेत्र में अप्रत्याशित रूप से सबसे कम 60.44 प्रतिशत मतदान होने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल ने चौथी बार भी जीतने का भरोसा जताया है।  
छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव के लिए मंगलवार को हुए मतदान के अंतिम आंकड़ें जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा बुधवार को जारी किये जाने के बाद प्रत्याशियों, समर्थकों और चुनाव विश्लेषकों ने जीत हार का कयास लगाना शुरू कर दिया है। पिछले विधान सभा चुनाव के मुकाबले इस बार जिले में 6.08 प्रतिशत मतदान अधिक हुआ है। जिले के सात विधान सभा क्षेत्रों में इस दफे कुल 73.76 फीसदी मतदान होने पर सियासी कयासों और चुनावी नतीजों के आंकलन का दौर प्रारम्भ हो गया है। सबसे अधिक 83.66 प्रतिशत मतदान मरवाही में हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने अपनी चर्चित मरवाही सीट से इस बार अपने पुत्र अमित जोगी का राजनैतिक भविष्य संवारने बतौर कांग्रेस प्रत्याशी उसे चुनाव लड़वाया है। जिले में सबसे कम 60.44 प्रतिशत मतदान बिलासपुर विधान सभा क्षेत्र में दर्ज किया गया है। यह सीट भी नगरीय प्रशासन मंत्री और नगर भाजपा विधायक अमर अग्रवाल और कांग्रेसी महापौर वाणी राव के कारण सुर्ख़ियों में है। अधिक मतदान के मामले में दूसरे क्रम में कोटा सीट रही, जहाँ 77.20 फीसदी मतदान हुआ। यहाँ से अजीत जोगी की पत्नी और विधायक डा. रेणु जोगी के फिर चुनाव लड़ने से यह सीट हाई प्रोफाइल बन चुकी है। तखतपुर में 77.06, विधान सभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक की बिल्हा सीट में 76.58, मस्तूरी में 74.73 और बेलतरा सीट में 69.37 प्रतिशत मतदान हुआ। जिले इस बार महिलाओं ने पुरूषों की अपेक्षा मतदान करने में दिलचस्पी ज्यादा दिखाई है। महिलाओं का मतदान प्रतिशत 73.80 और पुरूषो का मतदान प्रतिशत 73.71 रहा।
जिले में मतदान का प्रतिशत बढ़ने पर कांग्रेस की बांछे खिली हुई है। इस मामले में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरूण तिवारी का कहना है कि भीड़ जुटने, जुलूस निकलने का मतलब विरोध होता है। इस बार राज्य की भाजपा सरकार और स्थानीय भाजपा विधायक के खिलाफ विरोध जताने, वोट डालने मतदाताओं की भीड़ उमड़ पडी थी। जहाँ तक महिलाओं के अधिक मतदान प्रतिशत की बात है तो यह झलियामार समेत समूचे राज्य में महिलाओं के प्रति हुए शोषण, अत्याचार की घटनाओं का बदला है। ज्यादा मतदान कर महिलाओं ने रमन सरकार और उनके नुमाइंदों के खिलाफ अपना आक्रोश प्रकट किया है। तो वहीं जिला भाजपा अध्यक्ष राजा पांडे का मानना है कि अधिक मतदान होना जिले समेत समूचे राज्य में भाजपा सरकार की लोकप्रियता और विकास कार्यों का ही नतीजा है। जबकि बिलासपुर में कम मतदान को लेकर उनका दावा है कि इससे कांग्रेस को ही नुकसान होगा। भाजपा की जीत सुनिश्चित है। 
जिले के सात विधान सभा क्षेत्रों में तुलनात्मक रूप से सबसे कम 60.44 फीसदी मतदान बिलासपुर विधान सभा क्षेत्र में होना प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल और कांग्रेस प्रत्याशी वाणी राव के लिए चिंता का सबब बन गया है। गौरतलब है कि बिलासपुर में वर्ष 2003 में 62.40 प्रतिशत और 2008 के विधान सभा चुनाव में 61.17 फीसदी मतदान हुआ था। पिछले दो विधान सभा चुनाव के मुकाबले इस बार बिलासपुर जैसी हाई प्रोफाइल सीट में मतदान का प्रतिशत लगातार घटना चुनाव विश्लेषकों की नजर में जीत की लीड कम होने और अप्रत्याशित चुनावी नतीजे आने का स्पष्ट संकेत है। हालांकि मौजूदा विधायक और भाजपा उम्मीदवार अमर अग्रवाल को चौथी दफे भी जीत की उम्मीद है। शहर के बढ़ते विकास के नाम पर वे जीत के प्रति आश्वस्त हैं। जबकि महापौर और निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी राव बदलाव के बयार की बात कह रही हैं। वे चुनावी इतिहास रचने का दावा कर रही हैं। उनके मुताबिक शहर की बदहाली और नागरिकों को सीवरेज से हुई परेशानियां ही अमर अग्रवाल की हार का कारण बनेंगी।        
अमित जोगी ने रिकार्ड मतों से जीतने का किया दावा
जिले के मरवाही विधान सभा क्षेत्र जैसे पिछड़े और सीमावर्ती इलाके में इस बार सर्वाधिक 83.66 मतदान होने को लेकर राजनैतिक चर्चाएं सरगर्म हैं। यहाँ कुल मतदाता 168269 है। यहाँ मतदान करने के मामले में पुरूष आगे रहे। पुरूष मतदान 83.73 और महिला मतदान प्रतिशत 83.59 रहा। यह सीट छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की रही है। पेंड्रा रोड के समीप स्थित ग्राम जोगीसार में जन्में अजीत जोगी का गहरा जनाधार इस इलाके में तो है ही, साथ ही समूचे बिलासपुर जिले को वे अपनी कर्म भूमि मानते है। अनुसूचित जन जाति के लिए आरक्षित मरवाही सीट से तीन बार विधायक रहे अजीत जोगी ने यहाँ से सर्वाधिक मतों से जीतने का रिकार्ड भी बनाया था। अपनी इसी सियासी भूमि पर इस बार उन्होंने अपने पुत्र अमित जोगी को कांग्रेस के युवा योद्धा बतौर उतारा ताकि वह भी अपना पोलिटिकल कैरियर बना सके। यहाँ अजीत जोगी के समर्थकों की पूरी फ़ौज अमित के प्रचार में जुटी थी। अजीत जोगी ने यहाँ ज्यादा वक्त भी नहीं दिया था। उन्होंने मरवाही क्षेत्र में अमित को अपनी स्वतन्त्र छवि और राजनैतिक अस्तित्व बनाने के मद्देनजर अकेला छोड़ दिया था। इस बार हुए सबसे ज्यादा मतदान को लेकर खुद अमित जोगी भी अपने पिता की तरह बेहद उत्साहित और प्रसन्न हैं। मतदान के अंतिम आंकड़े आने के बाद अमित ने दावा किया कि उन्हें चुनाव के दौरान क्षेत्र के सभी वर्गों से भरपूर सहयोग, स्नेह और आशीर्वाद मिला। वे भी अपने पापा की तरह रिकार्ड मतों से जीतेंगे। वे आगे भी पापा की तरह क्षेत्र के लोगों की सेवा कमिया बन कर करते रहेंगे। भाजपा प्रत्याशी समीरा पैकरा को क्षेत्र की जनता नकार चुकी है। आठ दिसंबर को आने वाले चुनाव नतीजों से यह बात स्पष्ट भी हो जायेगी।   

-दिनेश ठक्कर "बापा"     .                  

शुक्रवार, 8 नवंबर 2013

कांग्रेस सरकार ने देश को लूटने का कार्य किया - सुषमा

केंद्र में कांग्रेस की सरकार ने देश को लूटने का कार्य बरसों तक किया है। भ्रष्टाचार और घोटालों में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि भाजपा शासित राज्य सरकारों ने अपने प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत किया है और लोगों को सुशासन दिया है। यह बात गुरूवार को भाजपा की स्टार प्रचारक सुषमा स्वराज ने छत्तीसगढ़ के तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत् आने वाले ग्राम गनियारी और मस्तूरी सीट के सीपत क्षेत्र में आयोजित चुनावी सभा के दौरान कही।
भाजपा नेत्री और लोकसभा की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने गनियारी और सीपत की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की सरकार ने विकास के अनेक कार्य किए हैं। रमन सिंह ने अपने सुशासन और विकास कार्यों के बदौलत छत्तीसगढ़ राज्य का नाम देश के अग्रणी विकसित राज्यों की सूची में दर्ज करा दिया है। यह गौरव की बात है। रमन सिंह की पीडीएस की योजना की तारीफ पूरे देश में हो रही है। रमन सिंह ने किसानों के साथ-साथ युवाओं की भलाई के लिए भी काफी कार्य किए हैं। उनको दी जाने वाली सुविधाओं में इजाफा किया है। इसलिए भाजपा प्रत्याशियों को जनता जरूर जिताएगी, ऐसा मेरा विश्वास है और राज्य में फिर से रमन सिंह की सरकार बनेगी। तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद किसानों को धान पर 300 रूपए प्रति क्विंटल बोनस दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य कई महात्वाकांक्षी योजनाओं पर भी अमल किया जाएगा, जिससे छत्तीसगढ़ के नागरिकों को भरपूर फायदा मिलेगा।
भीड़ जुटाने में असफल रहे भाजपाई
सुषमा स्वराज ने गनियारी और सीपत में करीब पंद्रह-पंद्रह मिनट अपना भाषण दिया। वे गनियारी में करीब निर्धारित समय से 25 मिनट देर से पहुंची थी। भाषण शुरू करने से पहले ही उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि वे ज्यादा नहीं बोलेंगी, क्योंकि उन्हें शाम तक कुछ अन्य सभाएं भी लेनी हैं। गौरतलब है कि गनियारी और सीपत में सुषमा स्वराज के सभास्थल में ग्रामीणों की भीड़ काफी कम थी। दोनों जगह पंडाल का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा खाली नजर आया। यहां भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं द्वारा भीतरघात और असहयोग किए जाने के कारण अपेक्षा के अनुरूप सभास्थल में ग्रामीणों की भीड़ जुटा पाने में प्रत्याशियों के समर्थक असफल रहे। तखतपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी राजू सिंह क्षत्री और मस्तूरी से भाजपा प्रत्याशी डा. कृष्णमूर्ति बांधी को उम्मीद थी कि पार्टी की स्टार प्रचारक और कुशल वक्ता सुषमा स्वराज को सुनने के लिए ग्रामीण मतदाताओं की भीड़ उमड़ पड़ेगी। जबकि ऐसा नहीं हो सका। ये दोनों सभाएं पूरी तरह फ्लॉप दिखीं।

-दिनेश ठक्कर "बापा"
 (चित्र - साभार रतन जैसवानी)  

केंद्र में हमारी सरकार बनी तो देश के हालात बदल देंगे - राजनाथ

देश में 55 वर्षों तक कांग्रेस ने केंद्र में सरकार चलाई, फिर भी वह आज तक महंगाई कम नहीं कर सकी। देश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और घोटाले लगातार तेजी से बढ़े हैं। नेहरू परिवार द्वारा देश में लंबे समय तक हुकुमत करने के बावजूद अब तक गरीबी दूर नहीं हो सकी है। दुनिया के एक तिहाई गरीब इसी देश में हैं। आज बेरोजगार रोजगार की तलाश में दर-दर ठोकरें खा रहे हैं। अगर हमें इस बार केंद्र में सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो हम देश के हालात बदल देंगे। यह बात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने गुरूवार को छत्तीसगढ़ के बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भाड़ी में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कही।
बिलासपुर से 35 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम भाड़ी में भाजपा के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में सोनिया और राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद से लगभग 55 वर्षों तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस की सरकार ने देश को क्या दिया ? जो काम कांग्रेस की सरकारों ने बीते वर्षों में नहीं किया, उससे भी अधिक काम छत्तीसगढ़ की रमन सरकार ने 10 साल में कर दिखाया है। जब रमन सिंह 10 वर्षों के भीतर छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदल सकते हैं, तो नेहरू, इंदिरा, राजीव, सोनिया गांधी ने आखिर इतने वर्षों में देश की तस्वीर क्यों नहीं बदली। राहुल गांधी दौरे पर जब जाते हैं, तो प्रायोजित मीडिया के जरिए लुभावनी तस्वीरें खिंचवाकर जनता को गुमराह करते हैं। लंबे समय तक यदि राजनीति करना हो, तो लोगों की आंखों में धूल झोंककर नहीं, लोगों का दिल जीतकर राजनीति की जाती है। राहुल गांधी आज के नौजवानों को गुमराह कर रहे हैं। सोनिया गांधी भी यही कार्य कर रही है। इनके परिवार ने देश की जनता को धोखा दिया है। जनता को छला है। जिस दिन भारत कांंग्रेस मुक्त होगा, तब देश बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार से भी मुक्त हो जाएगा। देश में संसाधनों और श्रम शक्ति की कमी नहीं है, बल्कि इसका सही सदुपयोग होना चाहिए। देश में महंगाई, घोटाले, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी हद से अधिक बढ़ चुके हैं और इसकी जिम्मेदार सिर्फ कांग्रेस है। अगर केंद्र और राज्य में हमारी सरकार आई तो आगामी पंद्रह बरसों के भीतर देश से गरीबी और बेरोजगारी का नामोनिशान मिटा देंगे।
श्री सिंह ने मनमोहन सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने सौ दिन के भीतर महंगाई कम करने का वादा किया था, लेकिन हजार दिन बीत जाने के बावजूद महंगाई नहीं थमी है। केंद्र सरकार महंगाई घटाने में विफल रही है, जबकि अटल बिहारी की सरकार के दौरान छह वर्षों तक महंगाई को बढऩे से रोका गया था। अटलजी के कार्यकाल के दौरान अमेरिका जाने वाले भारतीय नागरिकों को सम्मान की नजरों से देखा जाता था, जबकि आज मनमोहन सरकार के वक्त देश के नागरिकों को अमेरिका में बेहद गरीब माना जाता है। मनमोहन सिंह आज हाथ फैलाकर विदेशी निवेश की बात करते हैं, दरअसल वे देश को विदेशी पूंजीपतियों के हवाले करना चाहते हैं।
 राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की तारीफ में कसीदे गढ़ते हुए कहा कि रमन सरकार ने 10 वर्षों में जो काम किया है, वह हिन्दुस्तान के किसी दूसरे राज्य में देखने को नहीं मिला है। 2003 से 2013 तक यदि हमने जनता के भलाई के लिए काम किया है, तो इस चुनाव में भाजपा को वोट दीजिएगा। वैसे भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में हर वादे को निभाया है। अगर हमने अपनी सत्ता के दौरान जनता को धोखा किया है, आंखों में धूल झोंकी है, तो मेरे पते पर दिल्ली में एक चिट्ठी लिखकर भेज दीजिए। कभी भी हमने गलत बात कही हो तो इसके लिए हम क्षमा चाहते हैं। 2003 के चुनाव के बाद हमने 1 और 2 रूपए किलो चावल देने की योजना शुरू की थी। हमने चुनाव में इसका वादा भी नहीं किया था, लेकिन योजना शुरू की, जिसकी तारीफ देश भर ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हुई है। छत्तीसगढ़ में रमन सरकार ने हर माह गरीबों को 35 किलो चावल देने का जो कानून लागू किया है, वह किसी भी राज्य में नहीं है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 10 साल पहले प्रदेश में किसानों से धान की खरीदी भी ठीक ढंग से नहीं होती थी और न ही इसकी उचित कीमत उन्हें मिलती थी। वर्तमान में हर क्षेत्र में धान खरीदी केंद्र भी बढ़े हैं। किसानों को धान की कीमत के अलावा 270 रूपए प्रति क्विंटल बोनस भी दिया जा रहा है, जो किसी दूसरे राज्य में नहीं दिया जाता है। एक माह बाद जब भाजपा सरकार तीसरी बार सत्ता में आएगी तो किसानों को धान का बोनस 300 रूपए प्रति क्विंटल दिया जाएगा। विभिन्न योजनाओं के तहत् दी जा रही पेंशन भी दोगुनी की जाएगी।
कांग्रेस की सरकार मीडिया के सर्वे से विचलित
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आमसभा के बाद मंच के पास पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस की सरकार मीडिया द्वारा कराए जा रहे सर्वेक्षण से विचलित हो गई है और उस पर रोक लगाने के उपाय कर रही है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुठाराघात है। मीडिया देश का चौथा स्तंभ है। इस तरह के सर्वे पर रोक नहीं लगनी चाहिए। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष करूणा शुक्ला द्वारा पार्टी छोडऩे और बगावत किए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि करूणा शुक्ला का इस्तीफा हमें मिल गया है और उसे हमने स्वीकार भी कर लिया है। जहां तक बगावत किए जाने का सवाल है तो इससे पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। भाजपा से बगावत करने वाले बागी प्रत्याशियों के पक्ष में करूणा शुक्ला द्वारा प्रचार-प्रसार किए जाने से भी भाजपा को कोई नुकसान नहीं होगा। भाजपा के प्रति करूणा शुक्ला द्वारा दिए गए विरोधी बयानों का कोई आधार नहीं है। वे पूरी तरह बेबुनियाद हैं।
बिना अनुमति के वाहनों से रोजी पर लाया गया ग्रामीणों को
राजनाथ सिंह की आमसभा में भीड़ जुटाने के लिए लगभग 40 वाहनों को लगाया गया था। यही नहीं बल्कि आसपास के गांवों से रोजी पर ग्रामीणों को एकत्रित कर उन्हें वाहनों से आमसभा स्थल तक लाया गया था। ट्रेक्टर, मेटाडोर और अन्य वाहनों को सभास्थल के पास बड़ी संख्या में देखा गया, जबकि चुनाव आयोग द्वारा इस तरह किसी को भी लाए जाने पर रोक लगाई गई है। वहीं  दूसरी ओर बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के चुनाव प्रभारी द्वारा ग्रामीणों को प्रलोभन देने के लिए सभास्थल के आसपास चाय-नाश्ते के ठेले भी लगवाए गए थे। वहां ग्रामीणों को मुफ्त चाय-नाश्ता कराने की व्यवस्था की गई थी।
हैलीकाप्टर उतरा तो मची भगदड़
सभास्थल के बिलकुल निकट हैलीपैड बनाया गया था। सभा से पहले काफी तादाद में ग्रामीण हैलीकाप्टर देखने के लिए इकट्ठे हुए थे। जब राजनाथ सिंह का हैलीकाप्टर हैलीपैड पर उतरा तो आंधी-तूफान की तरह धूल इस कदर उड़ी कि मौके पर ग्रामीणों की भगदड़ मच गई। हैलीपैड के आसपास पुलिस प्रशासन की व्यवस्था लचर दिखाई दी। ऐसे में कोई हादसा भी हो सकता था, क्योंकि हैलीपैड मंच से ज्यादा दूर नहीं था और लैंडिंग के वक्त ऐसी स्थिति निर्मित हो गई थी। आंखों में धूल पडऩे से ग्रामीण काफी देर तक परेशान होकर आंखों को मलते रहे और भाजपाईयों को कोसते रहे।

-दिनेश ठक्कर "बापा"
  (चित्र : साभार रतन जैसवानी)


दबंग दुनिया में प्रकाशित चुनावी हलचल पर मेरी रपट


गुरुवार, 7 नवंबर 2013

बागियों ने बिगाड़ा बिलासपुर जिले का चुनावी समीकरण


छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सात विधान सभा क्षेत्रों में तखतपुर ही एक मात्र ऐसी सामान्य सीट जो भाजपा और कांग्रेस के बागियों के चुनाव समर में डटे रहने के कारण पंचकोणीय मुकाबले वाली सीट हो गई है। जबकि मस्तूरी में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। इसी तरह बेलतरा में फिलहाल भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर दिखाई दे रही है, लेकिन अंतिम क्षणों में अनुसूचित जाति के बसपा और निर्दलीय प्रत्याशी सीधे मुकाबले को उलझा भी सकते हैं। .      
तखतपुर सामान्य सीट में इस दफे पंच कोणीय मुकाबला होने की संभावना है। यहाँ कुल सोलह उम्मीदवार मैदान में हैं। मुख्य राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशियों द्वारा प्रलोभन दिए जाने के बावजूद यहाँ किसी भी बागी और निर्दलीय उम्मीदवार ने नामांकन पत्र वापस नहीं लिया है। यहाँ के पूर्व कांग्रेस विधायक बलराम सिंह ठाकुर के बेटे और कांग्रेस प्रत्याशी आशीष सिंह ठाकुर अपने ही दल के बागी शिवा माली से आक्रांत हैं। आशीष प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चरणदास महंत के चेले हैं। उन्हें चौतरफा कड़े मुकाबले से उबारने महंत ने सियासी गोटिया बिछा दी है किन्तु उसका फायदा शायद ही मिलेगा। टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस के बागी और जिला पंचायत सदस्य शिवा माली निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आशीष को बददुआ देते हुए उसे निपटाने की जुगत में लगे है। इसी तरह मौजूदा विधायक और भाजपा प्रत्याशी राजू सिंह क्षत्री को भी बागी हुए भाजपा के पूर्व विधायक और शिव सेना प्रत्याशी जगजीत सिंह मक्कड़ पटखनी देने कमर कस चुके हैं। इन सबकी लड़ाई का फायदा उठाने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी संतोष कौशिक अपने पक्ष में माहौल बनाने जुटे है. वे भी जिला पंचायत के सदस्य हैं, इसलिए उनकी क्षेत्र में पकड़ मजबूत बनी हुई है। खासकर अनुसूचित जाती के मतदाताओं में उनकी गहरी पैठ है। वे यहाँ का सियासी समीकरण बदलने की क्षमता रखते हैं। सही तस्वीर इस हफ्ते स्पष्ट हो जायेगी।
जबकि बेलतरा सामान्य सीट पर भाजपा के वर्त्तमान विधायक और बुजुर्ग प्रत्याशी बद्रीधर दीवान और कांग्रेस के प्रत्याशी भुवनेश्वर यादव के बीच सीधी टक्कर होनी है। पिछली बार भुवनेश्वर यादव को पराजय मिली थी। इस बार उन्हें जीत का भरोसा है. लेकिन जातिगत समीकरण फिलहाल भाजपा के ब्राह्मण प्रत्याशी बद्रीधर दीवान के पक्ष में दिख रहे हैं।.बहुजन समाज पार्टी को पिछले चुनाव में वोट करने वाले अनुसूचित जाति के कई परंपरागत मतदाता कार्यकर्ता भाजपा से जुड़ गए है। इसका सीधा फायदा भाजपा प्रत्याशी बद्रीधर दीवान को मिल सकता है। हालांकि अंतिम क्षणों में बहुजन समाज के प्रत्याशी देवकुमार कनेरी सहित अनुसूचित जाति के एक दो निर्दलीय प्रत्याशी जातिगत समीकरणों के चलते सीधे मुकाबले को उलझा सकते हैं।    बेलतरा में कुल सत्रह प्रत्याशी चुनाव समर में उतरे हैं। यहाँ भी भाजपा और कांग्रेस द्वारा कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों को नाम वापस लेने आर्थिक प्रलोभन दिया गया था, ताकि दो ईवीएम लगाने की नौबत न आए और नोट बटन का भय उत्पन्न न हो।  
वही दूसरी तरफ मस्तूरी सुरक्षित सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला  होने की संभावना प्रबल है। यहाँ के मौजूदा भाजपा विधायक डा कृष्णमूर्ति बांधी तीसरी बार चुनाव लड़ रहे है। उनका मुकाबला कांग्रेस के नए चहेरे और प्रत्याशी दिलीप लहरिया से होना है। लहरिया इस क्षेत्र के नामी लोक कलाकार है। अपनी कला प्रतिभा के जरिये वे यह चुनाव जीतने की मंशा पाले हुए हैं.किन्तु यहाँ बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी तुकाराम जोशी, निर्दलीय प्रत्याशी राजेश्वर भार्गव कांग्रेस प्रत्याशी की जड़ों में मठा डालने की कोशिश कर रहे है। इसीलिये भाजपा प्रत्याशी बांधी को अपनी जीत की आशा बंधी हुई है। यहाँ कुल तेरह उम्मीदवार मैदान में हैं। ज्ञात हो कि मस्तूरी सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। इस इलाके में सूर्यवंशी और सतनामी समाज के लोगों की संख्या लगभग बराबर है। सतनामी समाज के अग्रणी लोगों का इस बात पर विरोध कायम है कि कांग्रेस ने उनके समाज के व्यक्ति को टिकट नहीं देकर उपेक्षा की है।जिला पंचायत सदस्य और निर्दलीय प्रत्याशी राजेश्वर भार्गव कांग्रेस की टिकट के आकांक्षी थे। टिकट न मिलने से नाराज होकर बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे राजेश्वर भार्गव की नजर में कांग्रेस प्रत्याशी दिलीप लहरिया भाजपा प्रत्याशी डा बांधी की तुलना में बेहद कमजोर उम्मीदवार हैं। इसलिए लहरिया की सामाजिक और राजनैतिक कमजोरी का लाभ उन्हें मिलेगा।              

- दिनेश ठक्कर "बापा"                                                   

बुधवार, 6 नवंबर 2013

बिलासपुर जिले की सात विधान सभा सीट के सियासी समीकरण

प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित किये जाने के बाद छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सातों विधान सभा क्षेत्रों में सियासी हलचलें बढ़ गई हैं। चुनावी समर के योद्धाओं की स्थिति भी स्पष्ट हो गई है।17 उम्मीदवारों द्वारा मैदान छोड़ने के बाद जिले में अब105 प्रत्याशी सत्ता संग्राम में अपना कौशल दिखाएंगे। सबसे कम प्रत्याशी अजीत जोगी की मौजूदा सीट मरवाही में है। यहाँ उनके पुत्र अमित समेत दस प्रत्याशी मैदान में हैं, जबकि जोगी पत्नी डा रेणु की कोटा सीट में सर्वाधिक 19 प्रत्याशी हैं।
तखतपुर और मस्तूरी को छोड़ कर बाकी पांच सीट पर भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार के बीच सीधी टक्कर होने के आसार दिख रहे हैं।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी इस बार अपनी सुरक्षित मरवाही सीट से खुद न लड़ कर अपने बेटे अमित जोगी को खड़ा कर उसे सक्रिय राजनीति के अखाड़े में उतार दिया है। जनता के कमिया (सेवक) बन कर मरवाही को प्रदेश में वीआईपी सीट का तमगा दिलाने वाले अजीत जोगी ने यहाँ अपने पुत्र और कांग्रेस प्रत्याशी अमित की जीत का दावा किया है। अमित ने भी उत्तराधिकारी बतौर पिता की तरह मरवाही का कमिया बनने का ऐलान किया है। मध्यप्रदेश की सीमा से लगे मरवाही विधान सभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम जोगी पुत्र के राजनैतिक भविष्य की दिशा और दशा का निर्धारण करेगा। इसके साथ ही अजीत जोगी की तरह अमित भी अब आदिवासी होने या न होने के विवाद जाल में उलझ जायेंगे। अमित की जाति और नागरिकता पर भाजपा प्रत्याशी समीरा पैकरा की आपत्ति निरस्त कर निर्वाचन अधिकारी द्वारा अमित का नामांकन पत्र वैध घोषित किये जाने के बावजूद यह विवाद भी भविष्य में कोर्ट तक पहुँच सकता है। जाहिर है मरवाही की इस हाई प्रोफाइल सीट पर अब चुनावी हथकंडे भी खूब अपनाए जाएंगे। जिले के सात विधान सभा क्षेत्रों में सबसे कम दस प्रत्याशी यहाँ अपनी किस्मत आजमा रहे है। पहली बार चुनाव लड़ने वाले अमित जोगी का सीधा मुकाबला भाजपा प्रत्याशी कु. समीरा बाई पैकरा से होना है। दो दफे जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने वाली समीरा मरवाही के विधान सभा चुनाव समर में सियासी ताकत और धन बल के मद्देनजर कमजोर साबित हो सकती हैं। अमित जोगी की जाति और नागरिकता के शपथ पत्र को झूठा बताने वाली समीरा पैकरा का पॉलिटिकल पैकअप कराने जोगी परिवार जुगत में है, तो दूसरी तरफ भाजपा के स्थानीय बागियों और असंतुष्ट कार्यकर्ताओं के भितरघात से कमल खिलने से पहले ही मुरझा सकता है। राष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला मार्को यहाँ मुकाबले को त्रिकोणीय करने के फेर में है। बहुजन समाज पार्टी के तपेश्वर मरावी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सुमन सिंह वाकड़े और पांच निर्दलीय प्रत्याशी अपनी जमानत बचा लें तो यही उनकी उपलब्धि होगी।    
अजीत जोगी की पत्नी और कोटा की मौजूदा विधायक डा रेणु जोगी इस बार फिर कांग्रेस के हाथ के साथ कोटा के चुनाव मैदान में अपना वजूद कायम रखने जोर आजमाइश कर रही हैं। इस सामान्य सीट पर सर्वाधिक 19 प्रत्याशी चुनावी मोर्चा लिए हुए हैं।यहाँ डा रेणु जोगी का सीधा मुकाबला भाजपा के नए चहेरे- प्रत्याशी काशीराम साहू से है। इस बार फिर यहाँ भाजपाई भितरघाती चुनावी तालाब से कमल का अस्तित्व मिटाने और खुन्नस का कीचड़ फ़ैलाने में शायद ही कोई कसर बाकी रखे। ख़ास बात यह भी है कि नाम का भ्रम पैदा करने के लिए जोगी का साथ देते हुए छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने भी अपना प्रत्याशी काशीराम साहू को चुनाव मैदान में उतारा है। हालाँकि भाजपा प्रत्याशी के नाम की समानता का लाभ इन्हे शायद ही मिले। यहाँ बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी महेश दीवाकर, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी मनोहर लाल ध्रुव और लोकजन शक्ति पार्टी के उम्मीदवार श्याम कार्तिक के अलावा तेरह निर्दलीय प्रत्याशियों को भी अपनी जमानत बचाने जद्दोजहद करनी पड़ेगी।        
बिलासपुर जिले की तीसरी चर्चित सीट बिल्हा है। यहाँ से विधान सभा अध्यक्ष और भाजपा प्रत्याशी धरमलाल कौशिक निरंतर दूसरी दफे जीत का सेहरा बांधने चुनाव समर में हैं। इनसे पिछली बार हारे सियाराम कौशिक को कांग्रेस ने राहुल फार्मूले को दरकिनार कर फिर अपना प्रत्याशी बनाया है। पूर्व में यहाँ से एक बार कांग्रेस के विधायक रह चुके सियाराम कौशिक का दावा है कि इस चुनाव में धरमलाल को उसके करम ले डूबेंगे। जबकि धरमलाल ने भरोसा जताया है कि बिल्हा क्षेत्र में हुए करोड़ों के विकास कार्यों के कारण जनता उन्हें फिर जिताएगी। इस सामान्य सीट पर कुल पंद्रह प्रत्याशी चुनावी जंग में शामिल हैं। कुर्मी जाति के राजनैतिक प्रभाव वाले इस विधान सभा क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी की तरफ से प्रत्याशी जगदीश कौशिक अपने पुराने गुरू धरमलाल की सियासी बाजी पलटाने का प्रपंच रच रहे हैं। वे इस वक्त बोदरी नगर पंचायत के अध्यक्ष भी हैं। भाजपा से तरजीह न मिलने के कारण अलग होकर उन्होंने नगर पंचायत का चुनाव निर्दलीय लड़ा था और जीते थे। तब से वे धरमलाल से खुन्नस रखते हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के कुछ वोट बसपा से बागी हुए दिलीप कुमार कोसले और सीपीआई (एमएल) रेडस्टार के प्रत्याशी रमेश कुमार सतनामी काटेंगे।
बिलासपुर सामान्य सीट भी नगरीय प्रशासन, स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल और कांग्रेस की मेयर श्रीमती वाणी राव के प्रत्याशी होने के कारण हाई प्रोफाइल हो गई है। यहाँ कुल पंद्रह प्रत्याशी मैदान में में हैं, लेकिन सीधा मुकाबला अमर अग्रवाल और वाणी राव के मध्य होना है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने से पूर्व यानी वर्ष 1998 के विधान सभा चुनाव से निरंतर जीत रहे अमर अग्रवाल ने चौथी बार अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाई है, लेकिन इस बार अनिल टाह जैसा कमजोर और वाकओवर देने वाला कांग्रेस प्रत्याशी नहीं है बल्कि जुझारू और पढ़ी लिखी तेजतर्रार महापौर वाणी राव को राहुल गांधी ने चुनाव समर में उतारा है। इस दफे अमर की नींद उड़ना स्वाभाविक है। अमर के द्वारा पूरी ताकत लगा देने के बावजूद वाणी राव ने मेयर के सीधे चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी मंदाकिनी पिंगले को करीब दस हजार वोट से हराया था। इसलिए भी अमर को इस बार का मुकाबला कांटे का लग रहा है।
तखतपुर सामान्य सीट में इस दफे पंच कोणीय मुकाबला होने की संभावना है। यहाँ कुल सोलह उम्मीदवार मैदान में हैं। यहाँ के पूर्व कांग्रेस विधायक बलराम सिंह ठाकुर के बेटे और कांग्रेस प्रत्याशी आशीष सिंह ठाकुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चरणदास महंत के चेले हैं। उन्हें चौतरफा कड़े मुकाबले से उबारने महंत ने सियासी गोटिया बिछा दी है, किन्तु उसका फायदा शायद ही मिलेगा। कांग्रेस के बागी और जिला पंचायत सदस्य शिवा माली निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आशीष को बददुआ देते हुए उसे निपटाने की जुगत में लगे है। इसी तरह मौजूदा विधायक और भाजपा प्रत्याशी राजू सिंह क्षत्री को भी बागी हुए भाजपा के पूर्व विधायक और शिव सेना प्रत्याशी जगजीत सिंह मक्कड़ पटखनी देने कमर कस चुके हैं। इन सबकी लड़ाई का फायदा उठाने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी संतोष कौशिक अपने पक्ष में माहौल बनाने जुटे है।
बेलतरा सामान्य सीट पर भाजपा के वर्त्तमान विधायक और बुजुर्ग प्रत्याशी बद्रीधर दीवान और कांग्रेस के प्रत्याशी भुवनेश्वर यादव के बीच सीधी टक्कर होनी है। पिछली बार भुवनेश्वर को पराजय मिली थी। इस बार उन्हें जीत का भरोसा है, लेकिन जातिगत समीकरण फिलहाल दीवान के पक्ष में दिख रहे हैं। बेलतरा में कुल सत्रह प्रत्याशी चुनाव समर में उतरे हैं।
मस्तूरी सुरक्षित सीट पर भी मौजूदा भाजपा विधायक डा कृष्णमूर्ति बांधी तीसरी बार चुनाव लड़ रहे है। उनका मुकाबला कांग्रेस के नए चहेरे और प्रत्याशी दिलीप लहरिया से होना है। लहरिया इस क्षेत्र के नामी लोक कलाकार है। अपनी कला प्रतिभा के जरिये वे यह चुनाव जीतने की मंशा पाले हुए हैं, किन्तु यहाँ बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी तुकाराम जोशी, निर्दलीय प्रत्याशी राजेश्वर भार्गव कांग्रेस प्रत्याशी दिलीप की जड़ों में मठा डालने की कोशिश कर रहे है। इसीलिये भाजपा प्रत्याशी बांधी को अपनी जीत की आशा बंधी हुई है। यहाँ कुल तेरह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।    

- दिनेश ठक्कर "बापा"                                                                               .    .        

जोगी पत्नी-पुत्र, धरम-अमर की सीट के सियासी हालात पर छपी मेरी रपट


सोमवार, 4 नवंबर 2013

जोगी ने जारी किया कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र


छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश चुनाव अभियान समिति के संयोजक अजीत जोगी ने सोमवार को दोपहर बारह बजे बिलासपुर के कांग्रेस भवन में चुनावी घोषणा पत्र जारी किया। छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने इस घोषणा पत्र के माध्यम से ढाई करोड़ छत्तीसगढ़िया लोगों की अपेक्षाओं और सपनों को साकार करने का प्रण लिया है। इसमें सभी वर्गों को लुभाने की कोशिश की गई है, जबकि किसानो के हितों पर खास फोकस किया गया है।.
छत्तीसगढ़ में 11 नवम्बर (18 विधानसभा क्षेत्र) और 19 नवम्बर (72 विधानसभा क्षेत्र) को होने वाले तीसरे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को अजीत जोगी ने चुनाव घोषणा पत्र जारी करते हुए बताया कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानों से दो हजार रूपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की जायेगी। इस खरीदी मूल्य में से पांच सौ रूपये प्रति क्विंटल का भुगतान सीधे किसान परिवार के महिला सदस्य के नाम पर किया जायेगा। खाद कंपनी से सीधे सोसायटी गोदाम तक खाद पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा पांच एचपी तक के  विद्युत पम्पों को मुफ्त बिजली दी जायेगी। सिंचाई हेतु नए पम्प कनेक्शन के लिए ट्रांसफार्मर शासन लगाएगा। इंदिरा गाँव गंगा योजना को फिर शुरू किया जायेगा। लघु औए सीमान्त सीमान्त किसानों के समस्त जल कर बकाये और सभी अल्पकालीन कृषि कर्ज को माफ़ किया जायेगा। उन्हें शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज दिया जायेगा। गन्ने के बोनस और परिवहन दर में वृद्धि, दस हजार एकड़ के किसान तैयार हो तो शक्कर कारखाना स्थापित किया जाएगा। कृषि और बागवानी आधारित उद्योगों, पुष्प और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा, भूमिहींन कृषकों का एक लाख रूपये का एकमुश्त जीवन बीमा, बिजली की बढ़ी हुई दरों में उचित कमी, कृषि, घरेलू बिजली, लघु व्यवसाय हेतु बिजली की विशेष राहत दी जायेगी। नगरीय क्षेत्रो में जल कर और समेकित कर को प्रचलित दर से आधा किया जायेगा। संपत्ति कर  पूर्ववत कम दर पर लिया जायेगा। भागीरथी नल जल योजना को कनेक्शन शुल्क से मुक्त किया जायेगा। खुले भूखंड पर टैक्स नहीं लगेगा। स्टाम्प ड्यूटी का युक्तियुक्तकरण कर छोटे जमीन सौदों को राहत दी जायेगी। पसरा टैक्स की समाप्ति होगी। राज्य में एक दशक के दौरान हुए सभी तरह के भूअर्जन और भूमि हड़पने के सन्बन्ध में जांच आयोग का गठन किया जायेगा।
जोगी ने यह भी जानकारी दी कि राज्य के सभी एपीएल और बीपीएल परिवारों को (आयकर दाता को छोड़कर) 35 किलो चावल प्रति माह मुफ्त दिया जायेगा. बेरोजगारी भत्ते की दर में वृद्धि, विकलांगता पेंशन और सामाजिक सुरक्षा पेंशन में राज्यांश दोगुना, असंगठित श्रमिकों का बीमा दोगुना किया जायेगा। लड़कियों को सभी तरह के गैर तकनीकी और व्यवसायिक उच्च शिक्षा में मदद के अलावा शिक्षण शुल्क सीधे कालेज के खाते में जमा कराया जाएगा।  सरकारी सेवा की प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने वाले आवेदकों से लिया जाने वाला शुल्क ख़त्म किया जायेगा। व्यापम के जरिये होने सभी परीक्षा फार्म के भारी शुल्क को भी समाप्त किया जायेगा। राज्य में सभी विभागों के खाली पदों को भरने भर्ती अभियान चला कर  बैकलॉग ख़त्म किया जायेगा। कलाकारों को नई राजधानी में रियायती दरों पर आवासीय भूखंड दिए जायेंगे। अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 12 से बढाकर 16 प्रतिशत किया जाएगा। उनके जाति प्रमाण पत्र प्रदान करने के नियमों का सरलीकरण किया जायेगा। उनके आर्थिक उत्थान के लिए विशेष वित्तीय योजना लागू होगी। अनूसूचित जनजाति के लोगों से वनोत्पादों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की योजना बनेगी। वन अधिकार क़ानून के तहत वन भूमि में काबिज लोगों को पट्टा दिलाने सभी प्रकरणों का जल्द निपटारा किया जायेगा। नक्सल हिंसा या उसके प्रतिवाद में हुई हिंसा से प्रभावित लोगो के पुनर्वास और पुनर्स्थापन की विशेष योजना बनाई जायेगी। गोंड़ी और अन्य आदिवासी बोली तथा भाषाओँ के संरक्षण के लिए अकादमी की स्थापना होगी। बस्तर बटालियन की स्थापना होगी। अनूसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के भी जाति प्रमाण पत्र प्रदान नियमो का सरलीकरण होगा। पिछड़ा वर्ग के विकास की योजना बनेगी। हर जिले में पिछड़ा वर्ग के लिए छात्रावास बनाये जायेंगे।
जोगी के मुताबिक नक्सल समस्या के निदान के लिए भी कुछ योजनाये बनाई जायेगी। विश्वास बहाली पर आधारित नीति बनेगी। वहाँ योजनाये बनाते समय ग्राम सभाओं की राय ली जायेगी। मुख्य धारा में आने वाले नक्सलियों के साथ सहानुभूति व्यवहार होगा। नक्सली क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों और सुरक्षा बालों को जोखिम भत्ता दिया जायेगा। नक्सली हिंसा में दिवंगत कोटवार के उत्तराधिकारियों को तीन लाख की अनुग्रह राशि और स्थाई अपंगता पर दो लाख रूपये दिए जायेंगे। झीरम घाटी को शहीद स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
घोषणा पत्र के अन्य प्रमुख वादों का जिक्र करते हुए जोगी ने बताया कि पहुँचविहीन और दूरस्थ आदिवासी अंचलों से आपातकाल में मरीजों को शिफ्ट करने सरकारी एयर एम्बुलेंस की सुविधा दी जायेगी जो कि एम्बुलेंस 108 की तर्ज पर ही कार्य करेगी। इसके लिए बस्तर और सरगुजा में बेस कैम्प बनाये जायेंगे। वहीं दूसरी तरफ हाथी प्रभावित क्षेत्रों में जानमाल के नुक्सान के मुआवजे की प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा। जनहानि पर पांच लाख रूपये और फसल तथा मकान के वास्तविक नुकसान का आंकलन कर पूरा मुआवजा दिया जायेगा। रमन सरकार से नाराज चल रहे शिक्षा कर्मियों को समान काम समान वेतन देने की अवधारणा है। प्रबंधक लघु वनोपज संघ के प्रबंधकों, ग्राम पटेलों और कोटवारों का मानदेय दो गुना किया जाएगा। दिल्ली में एक छत्तीसगढ़ सहायता केंद्र की स्थापना की जायेगी जहाँ एक टोल फ्री नंबर के जरिये राज्य के नागरिकों को मार्गदर्शन और मदद मुहैया कराई जायेगी। राज्य के सतत और स्थाई विकास के लिए पर्यावरण हितैषी दीर्घकालीन योजना लागू की जायेगी।
घोषणा पत्र में राज्य के विकास संबंधी वादों के बारे में जोगी ने कहा कि बिलासपुर, जगदलपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, कोरबा, अम्बिकापुर जैसे शहरों में  राज्यस्तरीय शिक्षण और अनुसंधान संस्थान स्थापित किये जायेंगे। साथ ही बिलासपुर, जगदलपुर,अंबिकापुर और कोरबा हवाई पट्टी के विकास के लिए आवश्यक पहल की जायेगी। राज्य की रेल कॉरीडोर योजना में गैर खनिज धारित क्षेत्रों में भी रेल लाइन बिछाई जायेगी। जोगी ने यह भी कहा कि भाजपा ने अभी तक अपना चुनाव घोषणा पत्र इसलिए जारी नहीं किया है क्योंकि वह हमारे पहले जारी किये गए घोषणा पत्र की नक़ल करना चाहती है।    

-दिनेश ठक्कर "बापा"