अभिव्यक्ति की अनुभूति / शब्दों की व्यंजना / अक्षरों का अंकन / वाक्यों का विन्यास / रचना की सार्थकता / होगी सफल जब कभी / हम झांकेंगे अपने भीतर

शनिवार, 30 मार्च 2013

धर्मयुग में ताला के रूद्र शिव की प्रतिमा पर आलेख

तालागांव में उत्खनन के बाद प्राप्त रूद्र शिव की दुर्लभ प्रतिमा पर मेरी समीक्षात्मक रपट राष्ट्रीय स्तर पर सर्वप्रथम द टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप की जानी मानी साप्ताहिक पत्रिका "धर्मयुग", मुंबई के 25 सितम्बर1988 के अंक में प्रकाशित हुई थी। यह अंक और रपट की कतरन मेरे लिए धरोहर स्वरूप है।

कोई टिप्पणी नहीं: