दिनेश की दुनिया
अभिव्यक्ति की अनुभूति / शब्दों की व्यंजना / अक्षरों का अंकन / वाक्यों का विन्यास / रचना की सार्थकता / होगी सफल जब कभी / हम झांकेंगे अपने भीतर
गुरुवार, 22 अक्टूबर 2015
कटु सत्य
.............
रावण का अहंकार
और
असत्य
दम तोड़ देता है
उसके मरने के साथ
अहंकार और असत्य
पैदा होने के साथ
व्यक्ति
रावण बन जाता है
और
उसका पतन
निश्चित हो जाता है
जीवित रह कर भी वह
मुर्दा हो जाता है !
@ दिनेश ठक्कर बापा
(चित्र गूगल से साभार)
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