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शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

पाखंडी मुखौटे पहने हैं

पाखंडी मुखौटे पहने हैं
गलत कार्य कर,
चरित्र कलंकित कर
चेहरा चमका रहे हैं
चालचलन बिगाड़ कर
चालाकी का चोला ओढ़े हैं


हमें मुखर होकर
उनका मुखौटा उतारना है
हमें अलख जगा कर
उनका गोरखधंधा बंद कराना है
हमें सच्चाई की राह पर चल कर
उनका असली चेहरा दिखाना हैै

@ दिनेश ठक्कर बापा
(चित्र : गूगल से साभार)

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