हम चुप क्यों हैं
किस भय से सहमे हुए हैं हम
सम्पूर्ण ज्ञानार्जन, समझदारी
सत्यवादी और राष्ट्रवादी होते हुए भी ?
हम चुप क्यों हैं
मात्र इस आशंकावश
कि कहीं मुखर हुए
और सच बोले तो
आधे अधूरे ज्ञानी, राष्ट्रद्रोही, उग्रवादी
सदा के लिए कहीं चुप न करा दें हमें !
@ दिनेश ठक्कर बापा
(चित्र गूगल से साभार)
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