कुर्सी पर काबिज होने तक बदल जाते हैं कई चेहरे
खुदगर्जी खातिर पहने जाते हैं अक्सर कई मुखौटे
सियासी मंच पर दिखते हैं उनके नकली किरदार
पर्दा गिरते ही सामने आ जाते है असली किरदार
जुमले उछालने में मुकाबला कोई कर सकता नहीं
ख़िलाफत होने पर जुबां बंद करवाने से चुकते नहीं

नौटंकी उनकी देखने यहाँ गूंगे बहरे जुटते हैं ज्यादा
ऊपर वाला ही जाने उन्हें कितना हुआ होगा फायदा
वक्त अब आ गया है मिल कर उतारें उनके मुखौटे
जुम्हूरियत की सूरत संवारने दिखाएं असली चेहरे
@ दिनेश ठक्कर बापा
(चित्र गूगल से साभार)
खुदगर्जी खातिर पहने जाते हैं अक्सर कई मुखौटे
सियासी मंच पर दिखते हैं उनके नकली किरदार
पर्दा गिरते ही सामने आ जाते है असली किरदार
जुमले उछालने में मुकाबला कोई कर सकता नहीं
ख़िलाफत होने पर जुबां बंद करवाने से चुकते नहीं

नौटंकी उनकी देखने यहाँ गूंगे बहरे जुटते हैं ज्यादा
ऊपर वाला ही जाने उन्हें कितना हुआ होगा फायदा
वक्त अब आ गया है मिल कर उतारें उनके मुखौटे
जुम्हूरियत की सूरत संवारने दिखाएं असली चेहरे
@ दिनेश ठक्कर बापा
(चित्र गूगल से साभार)
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