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बुधवार, 1 अप्रैल 2020

ये सब लौट चले

ये सब लौट चले
ये सब लौट चले
गठरी उठाये, ये बे सहारे
इनको पुकारे, गाँव खेड़ा
ये सब लौट चले
ये सब लौट चले
गठरी उठाये, ये बे सहारे
इनको पुकारे, गाँव खेड़ा
आ जा रे, आ जा रे, आ जा
कठिन है डगर पे, भूखे चलना
देख के आता, जिनगी को रोना
कोई ये जाने, या ना जाने
नहीं है आसाँ, साँस सँभलना
ये सब लौट चले
ये सब लौट चले
गठरी उठाये, ये बे सहारे
इनको पुकारे, गाँव खेड़ा
आ जा रे, आ जा रे, आ जा
जान इनकी, दाँव पर है
आँख में आँसू का, सागर है
रोटी छुड़ाये, शहर पराये
इनका गाँव फिर, इनका घर है
ये सब लौट चले
ये सब लौट चले
गठरी उठाये, ये बे सहारे
इनको पुकारे, गाँव खेड़ा
ये सब लौट चले
ये सब लौट चले
आ जा रे…
ये सब लौट चले
आ जा रे …
@दिनेश ठक्कर बापा
(चित्र : सोशल मीडिया से साभार)

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