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गुरुवार, 15 अगस्त 2013

यादें : मुंबई, मणि भवन और गांधी जी पर जनसत्ता में प्रकाशित आलेख



मुम्बई के लेबरनम रोड, गांवदेवी पर स्थित मणि भवन आज भी गांधी जी के सत्रह बरसों (वर्ष 1917 से 1934 तक) के निवास अवधि की स्वर्णिम स्मृति संजोए हुए है। मणि भवन दरअसल गांधी भक्त रेवा शंकर का था। यहां गांधी जी के सिद्धांतों, आदर्शों और गतिविधियों को सुरक्षित रखने गांधी स्मारक निधि ने वर्ष 1955 में इस भवन को खरीद लिया था। फिर मणि भवन गांधी जी से संबद्ध स्मृतियों का अनूठा संग्रहालय बन गया। यहां उनकी दुर्लभ तस्वीरें, पत्र, लेख, वस्तुएं, भाषणों के ग्रामोफोन रिकार्ड, पुस्तकालय, प्रदर्शनी और सभागार आकर्षण का केंद्र है। मणि भवन में गांधी जी के व्यतीत सत्रह बरसों के दरम्यान की प्रमुख गतिविधियों को क्रमवार मैंने अपने शोधपरक आलेख "मुम्बई, मणि भवन और गांधी" में दर्शाया था, जो जनसत्ता, मुम्बई में 5 अगस्त 1997 को प्रकाशित हुआ था। इसके अलावा जनसत्ता, मुम्बई की रविवारीय पत्रिका "सबरंग" के 10 अगस्त 1997 के अंक में भी "आज का मणि भवन" शीर्षक से रपट प्रकाशित हुई थी। ये दोनों अंक आज भी मेरे संग्रह में धरोहर तथा यादगार स्वरूप सुरक्षित रखे हैं। इनकी छाया प्रति सुधि पाठक मित्रों के लिए यहां सादर प्रस्तुत है।             

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