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रविवार, 4 दिसंबर 2011

देव आनंद पर जनसत्ता में यादगार आलेख



यंग रोमांटिक, स्टाइल किंग सिनेमा गाइड माने जाने वाले ८८ बरस के देव आनंद का निधन ३ दिसंबर २०११ को लन्दन में दिल का दौरा पड़ने से हो गया. अंतिम समय उनके पास पुत्र सुनील मौजूद था. वे भले इस दुनिया में अब नहीं रहे, लेकिन मेरे सहित हजारों लोगों के दिलों में वे सदा बसे रहेंगे. उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित है. वर्ष १९९३ से १९९९ तक जब मैं मुंबई में पत्रकारिता कर रहा था, तब सौभाग्यवश देव साहब से नवकेतन और उनके बंगले में कुछ यादगार बातचीत वाली मुलाकातें हुई थी. उनकी अभिनय यात्रा के पचास साल के पड़ाव कामयाबी के साथ पूरे होने पर जनसत्ता, मुंबई के २८ जुलाई १९९५ के अंक में जब उन पर अभिमत वाला मेरा लेख "अदाएं अब भी जवान हैं ..." प्रकाशित हुआ था, तब देव साहब ने प्रसन्न होकर मुझे मेरे पेजर पर धन्यवाद दिया था, जिसे मैं अपना सौभाग्य मानता हूँ. उनकी भेंटवार्ता अब यादों के झरोखे में शेष रह गई हैं. अखबार में छपे लेख की यह कतरन मेरे लिए अब धरोहर स्वरुप है.
मालूम हो देव आनंद का जन्म २६ सितम्बर १९२३ को गुरदासपुर ,पंजाब (पाकिस्तान )में हुआ था. उन्होंने वर्ष १९४६ में अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरूआत की थी. उनकी पहली फिल्म "हम एक है" थी. उन्होंने सौ से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया था. उन्होंने ३५ फ़िल्में बनाई थी. १९४८ में हिट फिल्म "जिद्दी" से उनकी पहचान बनी. १९५१ में फिल्म "बाजी" सुपर हिट हुई थी. १९५४ में उन्होंने  कल्पना कार्तिक से विवाह किया था. १९५८ में फिल्म "काला पानी" और १९६६ में "गाइड" के लिए उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था. जबकि लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड  १९९३ में मिला था. १९५० में  उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी  "नवकेतन फिल्म्स" की शुरूआत की थी. इनकी अंतिम फिल्म "चार्जशीट "थी. २००१ में उन्हें पद्मभूषण सम्मान और २००२ में दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया था.     

1 टिप्पणी:

Kamal Dubey ने कहा…

दिनेश भाई आपकी ये धरोहर अमूल्य हैं, इसे हम सबके के साथ बांटने का शुक्रिया.