रामेश्वरम से लगभग डेढ़ मील दूर उत्तर पूर्व में गंधमादन पर्वत पर स्थित राम पादुका मंदिर भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में काले पत्थर से निर्मित दो पादुकाओं, चरण चिन्ह की पूजा अर्चना भक्तों द्वारा की जाती है। श्रद्धालुओं में यह मिथक प्रचलित है कि यह चरण चिन्ह श्रीराम के हैं। इस मंदिर परिसर से रामेश्वरम का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है। यहां बेर और राम फल बेचने वाली ग्रामीण महिलाओं को शबरी स्वरूप मान कर श्रद्धालुजन उनसे यह सामग्री खरीद कर प्रसाद बतौर बाँटते भी हैं। गंधमादन पर्वत दरअसल एक छोटी सी पहाड़ी है, जिसके शिखर पर यह मंदिर बना है। भक्तों में ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी ने समुद्र को लांघने के लिए यहीं से छलांग मारी थी। श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई करने के लिए इसी स्थल पर ही अपनी सेना संगठित की थी।
@ दिनेश ठक्कर बापा
@ दिनेश ठक्कर बापा
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