रामेश्वरम स्थित हाऊस ऑफ कलाम केवल दो मंजिला भवन नहीं, बल्कि कर्मयोगी डा. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की अविस्मरणीय स्मृतियों की सर्व प्रिय अमूल्य धरोहर है। यहां उनके बचपन से लेकर अंतिम साँसों तक की स्मृतियाँ संजो कर प्रदर्शित की गई है, जो हर वर्ग के लोगों के लिए प्रेरणादायी है। मिशन ऑफ लाइफ गैलरी वास्तव में सार्थक जीवन और देश के लिए जीने का संदेश देती है। यहां इनके पैतृक आवास, पूर्वजों की निशानी, संयुक्त परिवार की यादें, प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त रामेश्वरम का पंचायत प्राथमिक विद्यालय, प्रेरक रहे शिक्षकों के साथ तस्वीरें, अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक होने, भारतीय रक्षा अनुसंधान एवम् विकास संस्थान, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में प्रवेश, परियोजना निदेशक बतौर स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान परियोजना पर कार्य, रोहिणी का सफल मिशन, इसरो लांच व्हीकल प्रोग्राम, स्वदेशी लक्ष्य भेदी नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र (गाइडेड मिसाइल) की डिजाइन, स्वदेशी तकनीक से अग्नि, पृथ्वी मिसाइल का निर्माण-परीक्षण, पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण, मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार, मार्गदर्शक वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. विक्रम साराभाई, प्रो. सतीश धवन, डा. ब्रम्हप्रकाश के साथ यादगार महत्वपूर्ण क्षणों की तस्वीरें, सर्वमान्य राष्ट्रपति बतौर कार्यकाल, तत्पश्चात विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में मानद फैलो, विजिटिंग प्रोफेसर और कुलाधिपति रहने के दौरान की तस्वीरें, भारत रत्न सहित विभिन्न राष्ट्रीय सम्मान, उपाधियाँ, पदक और तत्संबंधी समारोह के छाया चित्रों का अनूठा संग्रह प्रदर्शन दर्शकों को अभिभूत कर देता है। डा. कलाम का कर्नाटक भक्ति संगीत और शास्त्रीय संगीत से गहरा जुड़ाव था। सरस्वती वीणा, वेन्नई वादन की तस्वीर से यह स्पष्ट होता है।
मिसाइल मैन के नाम से श्रद्धापूर्वक स्मरण किये जाने वाले इस कर्मयोगी का साहित्यिक जीवन भी बेहद अनुकरणीय और प्रेरणादायक है। उनकी आत्मकथात्मक किताबें बच्चों और युवाओं को सार्थक राह दिखाती हैं। उनकी जीवन कथा पुस्तक "माय जर्नी" के अलावा "इग्नाइटेड माइंड्स: अनलेशिंग द पावर विदिन इंडिया", "द ल्युमिनिअस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स", "इंस्पायरिंग थॉट", "चिल्ड्रन आस्क कलाम", "मिशन इंडिया: ए विसन फॉर इंडियन यूथ", "गाइडिंग सोल्स: डायलॉग्स आन द पर्पस ऑफ लाइफ", कविता संग्रह "द लाइफ ट्री" आदि किताबें सोद्देश्य जीवन कर्म का मार्ग प्रशस्त करती है। ये किताबें यहां प्रदर्शन और विक्रय के लिए रखी गई हैं। इस संग्रहालय का संचालन और रखरखाव डा. कलाम के बड़े भाई और भतीजे द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा वे बाजू वाले भवन में स्व रोजगार बतौर समुद्री सामग्री और उनसे बने सजावटी सामान, रत्न, रुद्राक्ष, पूजन आदि सामग्री का विक्रय भी करते है। बहरहाल, डा. कलाम के असाधारण व्यक्तित्व और उनकी महती राष्ट्र प्रेरक उपलब्धियों को दर्शाने वाले इस संग्रहालय से लोग अपने साथ अमिट यादें लेकर लौटते है।
@ दिनेश ठक्कर बापा
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