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शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017

कैयाद

कैयाद हरेक आदमी को दग़ा देगा
वो तो वालिदैन को भी धोखा देगा

उसका कीना ही उसका दुश्मन है
दोस्त बन कर वही उसे सज़ा देगा

ज़िंदगी की बंदगी भी करके देखो
उसका अक्स कभी अकड़ने न देगा

खुद से भी दुश्मनी करना छोड़ दो  
दुश्मनों को भी सलीक़ा सुकून देगा

बेईमानी अगर दरकिनार कर दोगे
तो झोली खुदा का बंदा भी भर देगा

ईमानदारी का प्याला जो पी लोगे
दवा बन कर वह हर दर्द मिटा देगा !
   
@ दिनेश ठक्कर बापा
(चित्र गूगल से साभार)


(कैयाद = कपटी,  वालिदैन = माता पिता,  कीना = कपट)     

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