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सोमवार, 27 मार्च 2017

उस समय

उस समय
वादों के विरूद्ध
भड़केगा आक्रोश
अन्याय के विरूद्ध न्याय
असत्य के विरूद्ध सत्य
रेवड़ियों के विरूद्ध हाथ
चरवाहे के विरूद्ध रेवड़
मुआवजे के विरूद्ध मेंड़
बेजा चिमनियों के विरूद्ध
भड़केगी भीतर की आग

दिखाए गए अंगूठे के विरूद्ध
दिखाएगी ताकत उंगलियां
गुस्से से निकलेगा जनादेश
झेले गए समस्त दुख दर्द से
जनतंत्र की संकरी गलियां
होगी साफ सुथरी अच्छे से
उड़ने वालों के पैरों तले
जाएगी खिसक जमीन
वादों की तरह
रुलाएगा जनता का निर्णय
दिखाए गए सपनों की तरह
सुलाएगी काँटों पर सच्चाई
आएगी पीड़ा समझ सबकी
उस समय !

@ दिनेश ठक्कर बापा
(चित्र गूगल से साभार)  



  

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