
निकालता है काँटे को
अपनी तीव्र चुभन से
दर्द देते हैं दोनों ही
कँटकित शाखा को
छोड़ देने के बाद भी
चुभना नहीं छोड़ते
और
रास्ते का रोड़ा
बने रहते हैं
काँटे

एक न एक दिन
मिला देती है
मिट्टी में काँटे को
चुपचाप कर देती है
जमींदोज़ काँटे को
माटी बना देती है
चुभने वालों को
जमीन !
@ दिनेश ठक्कर बापा
(चित्र गूगल से साभार)
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